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प्रधानमंत्री को उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने का आमंत्रण
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने के लिये आमंत्रित किया, जो 28 जनवरी से 14 फरवरी 2025 तक राज्य में आयोजित किये जाएंगे। यह पहली बार है जब उत्तराखंड इस आयोजन की मेज़बानी कर रहा है।
प्रमुख बिंदु
- प्रधानमंत्री को भेंट किये गये उपहार:
- मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को मुलाकात के दौरान चमोली ज़िले के मलारी कारीगरों द्वारा निर्मित एक शॉल तथा नारायण आश्रम की प्रतिकृति भेंट की।
- परियोजनाओं के बारे में:
- विकास अद्यतन:
- उन्होंने प्रधानमंत्री को उत्तराखंड में चल रही विकास परियोजनाओं के बारे में जानकारी दी।
- उन्होंने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना के प्रथम चरण की तीव्र प्रगति पर प्रकाश डाला।
- उन्होंने टनकपुर-बागेश्वर रेल परियोजना के लिये सर्वेक्षण पूरा होने का भी उल्लेख किया।
- उन्होंने प्रधानमंत्री को उत्तराखंड में जल जीवन मिशन की प्रगति से अवगत कराया।
- उन्होंने पुराने ऋषिकेश रेलवे स्टेशन को बंद करने और सभी ट्रेनों को नए योग नगरी रेलवे स्टेशन से संचालित करने का भी प्रस्ताव रखा।
- यह सुझाव दिया गया कि यातायात में सुधार के लिये पुराने स्टेशन की भूमि को नई सड़क प्रणाली के लिये पुनः उपयोग में लाया जाए।
- विकास अद्यतन:
- ऋषिकेश एक प्रतिष्ठित शहर के रूप में:
- मुख्यमंत्री ने रिवर राफ्टिंग के लिये प्रतिष्ठित शहर के रूप में ऋषिकेश को चुनने के लिये आभार व्यक्त किया।
- उन्होंने राज्य के सीमित संसाधनों के कारण हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर और शारदा कॉरिडोर परियोजना के लिये केंद्र से सहयोग का अनुरोध किया।
- भूतापीय ऊर्जा परियोजना:
- उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में भूतापीय ऊर्जा के दोहन के लिये आइसलैंड दूतावास के साथ एक समझौता ज्ञापन प्रस्तावित है।
- उन्होंने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय तथा विदेश मंत्रालय से आवश्यक अनापत्ति पत्र प्राप्त होने की पुष्टि की।
- उन्होंने परियोजना के लिये तकनीकी और वित्तीय सहायता का भी अनुरोध किया ताकि उत्तराखंड को वर्ष 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य में योगदान करने में मदद मिल सके।
- सड़क परिवहन प्रस्ताव:
- मुख्यमंत्री ने सड़क परिवहन मंत्रालय को भेजे गए विभिन्न सड़क परिवहन प्रस्तावों के लिये मंजूरी मांगी। इनमें शामिल हैं:
- ऋषिकेश बाईपास
- हरिद्वार बाईपास (पैकेज 2)
- देहरादून-मसूरी कनेक्टिविटी
- देहरादून रिंग रोड
- चंपावत बाईपास
- लालकुआँ, हलद्वानी और काठगोदाम बाईपास
- मानसखंड परियोजना
राष्ट्रीय खेल
- पृष्ठभूमि:
- वर्ष 1924 में अविभाजित पंजाब के लाहौर में भारतीय ओलंपिक खेलों का पहला संस्करण आयोजित किया गया।
- भारतीय ओलंपिक खेलों को वर्ष 1940 में राष्ट्रीय खेलों का नाम दिया गया था। इस प्रतियोगिता में कई भारतीय राज्यों के एथलीट विभिन्न खेल विधाओं में एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्द्धा करते हैं।
- ओलंपिक आंदोलन, जिसने 1920 के दशक में राष्ट्र का ध्यान आकर्षित किया, में राष्ट्रीय खेल शामिल हैं। भारत में राष्ट्रीय खेलों की कल्पना पहले भारतीय ओलंपिक खेलों के रूप में की गई थी जिसका लक्ष्य राष्ट्र में ओलंपिक खेलों को बढ़ावा देना था।
- उद्देश्य:
- ये भारतीय एथलीटों, खेल संगठनों आदि के लाभ के लिये आयोजित किये जाते हैं।
- वे राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के बीच अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेल बुनियादी ढाँचे के विकास की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद करते हैं।
- इसका उद्देश्य खेल गतिविधियों में भाग लेने के लिये बड़ी संख्या में युवाओं को आकर्षित करना है।
- इसका उद्देश्य जीवन के सभी क्षेत्रों के व्यक्तियों में खेल संस्कृति को विकसित करना तथा उन्हें स्वस्थ समाज के निर्माण में खेलों के महत्त्व के बारे में शिक्षित करना है।
- क्षेत्राधिकार:
- राष्ट्रीय खेलों की अवधि और नियम पूरी तरह से भारतीय ओलंपिक संघ के अधिकार क्षेत्र में हैं।
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